परिचय
सम्प्रति डॉ. शैलेन्द्र कुमार भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं । इससे पूर्व इन्होंने प्रसार भारती ( सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ) में अपर महानिदेशक के पद पर लगभग सवा चार वर्षों तक काम किया । उसके पहले वह स्वास्थ्य मंत्रालय में निदेशक के पद पर तीन वर्षों तक रहे । उसके पहले वह कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, आर्थिक मामले विभाग, संघ लोक सेवा आयोग, भारतीय विदेश व्यापार संस्थान, वाणिज्य मंत्रालय आदि में विभिन्न पदों पर आसीन रहे ।
डॉ. कुमार ने 1992 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करके और प्रशिक्षण प्राप्त करके भारत सरकार में पदासीन हुए ।
डॉ. कुमार ने विभिन्न विषयों का अध्ययन करके अनेक प्रकार की डिग्री अर्जित की । वह विज्ञान में स्नातक करने के उपरांत रूसी भाषा एवं साहित्य में स्नातक ( ऑनर्स ) की डिग्री ली और फिर चार अलग–अलग विषयों — हिंदी भाषा व साहित्य, मैनेजमेंट, गवर्नेंस व विकास तथा अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की । इसके बाद इन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी की भी डिग्री प्राप्त की । इस बीच विभिन्न भाषाओं — हिंदी, रूसी, उर्दू, संस्कृत, स्पैनिश और अंग्रेजी का भी अध्ययन किया और इन भाषाओं में डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाणपत्र आदि प्राप्त किए ।
आरंभ से ही डॉ. कुमार की अभिरुचि लेखन में रही है और वह अनेक विषयों पर लिखते रहे हैं । इन्होंने अब तक पूर्णत: और अंशत: चार पुस्तकें और सौ से अधिक लेख अन्यान्य विषयों पर लिखे हैं । राजकमल द्वारा प्रकाशित इनकी पहली पुस्तक “ विश्व व्यापार संगठन: भारत के परिप्रेक्ष्य में ” वर्ष 2000 की हिंदी की सर्वोत्तम पुस्तक घोषित की गई और इसे दो राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए चुना गया । इनकी दूसरी पुस्तक “Trade in Services: Advantage India” वर्ष 2005 में प्रकाशित हुई । इनकी तीसरी और चौथी पुस्तक भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर हैं, जिनमें इनका आंशिक योगदान है । इनकी दो पुस्तकें — “ नामघर ” एवं “ पूर्वोत्तर और ईसाइयत ” प्रकाशनाधीन हैं । अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर इनका एक शोध लेख नीदरलैंड के प्रकाशित हुआ । इन पुस्तकों के अतिरिक्त समय–समय पर वह भारतीय भाषा, संस्कृति, इतिहास, धर्म, इस्लाम, ईसाइयत आदि तथा आर्थिक व सामाजिक विषयों पर लिखते रहते हैं ।
My Profile
Brief Profile of Dr Shailendra Kumar
Dr Shailendra Kumar is currently working as Joint Secretary in the Department of Investment and Public Asset Management (DIPAM), Ministry of Finance, Government of India. For a little more than four years he worked as Additional Director General in PRASAR BHARATI: India’s public service broadcaster.
For three years and until November 2015 and he was Director (Drugs) in the Ministry of Health and Family Welfare dealing with the CDSCO (Central Drugs Standard Control Organisation), Indian Pharmacopeia Commission (IPC), and National Institute of Biologicals (NIB). He also handled the drug related work of the World Health Organisation (WHO), Intellectual Property Rights (IPR) related issues and Foreign Direct Investment (FDI) into the brownfield pharmaceutical companies.